Shiv Katha विश्वकर्मा द्वारा रचित शिव विवाह मंडप – दिव्यता की अद्भुत प्रस्तुति
🌺शिव विवाह एक दिव्य और अद्वितीय प्रसंग है, जिसमें केवल शिव-पार्वती ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड की चेतना सम्मिलित होती है। इस अलौकिक विवाह की तैयारी स्वयं विश्वकर्मा जी द्वारा की गई थी, जिन्होंने अपनी अनुपम शिल्पविद्या से ऐसा मंडप रचा जिसे देखकर देवता तक स्तब्ध रह गए।
✨ मंडप की दिव्यता
शिव विवाह के लिए बनाया गया मंडप इतना भव्य और आकर्षक था कि जो भी उसे देखता, वह दाँतों तले उंगलियाँ दबा लेता।
वहाँ कृत्रिम हाथी और घोड़े इस प्रकार सजाए गए थे कि वे सजीव प्रतीत होते थे।
🩰 नृत्य करती कृत्रिम स्त्रियाँ
मंडप में विश्वकर्मा जी ने ऐसी कृत्रिम स्त्रियाँ भी बनाईं जो नृत्य करती हुई प्रतीत होती थीं, और जिनकी भाव-भंगिमाएँ इतनी सजीव थीं कि कई ऋषि-मुनियों और देवताओं का ध्यान विचलित हो गया।
📿 देवताओं की प्रतिमाएं और निर्माण
विश्वकर्मा जी ने न केवल दृश्य सौंदर्य का निर्माण किया, बल्कि आध्यात्मिक भाव का भी ध्यान रखा। उन्होंने स्वयं ब्रह्मा जी की प्रतिमा भी बनाई जो देवसभा में वेदधारण किए हुए अत्यंत प्रभावशाली प्रतीत हो रही थी।
🏛️ सभी देवताओं के लिए दिव्य निवास
विश्वकर्मा जी ने:
भगवान विष्णु के लिए बैकुंठ जैसा धाम,
इंद्र देव के लिए स्वर्ग के समकक्ष प्रासाद,
ब्रह्मा जी के लिए सत्यलोक जैसा निवास,
— और अन्य सभी देवों के लिए उनके-अपने लोकों के अनुरूप भवन तैयार किए।
यह निर्माण इतना सजीव और दिव्य था कि लगता था सम्पूर्ण सृष्टि ही वहाँ एकत्र हो गई हो।
🔱 भगवान शिव का निवास
अंत में, उन्होंने भगवान शिव के लिए एक विशेष निवास तैयार किया —
जो शिव-चिन्हों (त्रिशूल, डमरू, रुद्राक्ष) से अलंकृत था और जिसकी ऊर्जा अत्यंत शांत व दिव्य थी।
🕊️ हिमालय की प्रतीक्षा
यह सारी भव्यता देखकर हिमालय राज और उनका परिवार भगवान शिव के आगमन की प्रतीक्षा में आनंदित हो उठा।
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📌 डिस्क्लेमर (उत्तरदायित्व सूचक सूचना):
इस लेख में वर्णित जानकारी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों, पुराणों, प्रवचनों, पंचांग व श्रद्धा-आधारित स्रोतों से ली गई है।
इसका उद्देश्य केवल धार्मिक ज्ञान और श्रद्धा संवर्धन है।
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