नीलकंठ मंत्र – भगवान शिव का ध्यान और ज्ञानवर्धक जाप

🕉️ नीलकंठ संवाद – भगवान शिव का संदेश

🕉️ नीलकंठ संवाद – भगवान शिव का संदेश

प्राचीन काल में जब ब्रह्मर्षि व्यासजी मोक्ष का सर्वोत्तम उपाय जानना चाहते थे, तब भगवान शिव ने करुणा करके नंदीकेश्वर को आज्ञा दी। शिवजी ने कहा — "जाओ, और साधकों को मुक्ति का उत्तम साधन बताओ।"

नंदीकेश्वर ने उत्तर दिया — "भगवान शंकर का श्रवण, कीर्तन और मनन — तीनों साधन वेदसम्मत हैं और मोक्ष के प्रत्यक्ष कारण हैं।"

यह सुनकर सनत्कुमार ब्रह्मधाम की ओर चले गए। ऋषियों ने प्रश्न किया — "जो श्रवण में असमर्थ हैं, वे किस उपाय से मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं?"

नंदीकेश्वर बोले — "मनन और भक्ति से भी मोक्ष संभव है। बिना यत्न नहीं, पर विचारशील साधना और सरल कर्मयोग से भी मुक्ति मिलती है।"

साधक सुनो — यह तीनों साधन: श्रवण, कीर्तन, और मनन हमेशा जीवित रहेंगे। ये मन को शुद्ध करते हैं, ज्ञान बढ़ाते हैं, और मोक्ष की ओर ले जाते हैं।

इसलिए, श्रद्धावान पाठक, इस संदेश को अपनाओ, अपने हृदय में शिव का स्मरण करो, और सतत साधना करते रहो। यही नीलकंठ संवाद का सार है।

⚠️ डिस्क्लेमर: यह सामग्री शिवपुराण और पुराणिक कथाओं पर आधारित है। इसे केवल अध्ययन और आध्यात्मिक साधना के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। पाठक इसे श्रद्धा और मनन हेतु पढ़ें। .

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