ब्रह्मा जी के द्वारा देवताओं को समझाना
ब्रह्मा जी बोले हे नारद ,सारे देवगण तारकासुर के अत्याचार से बहुत ही पीड़ित थे ,क्योंकि तारकासुर ने सारे देवों को हरा दिया था, तथा स्वर्ग पर आधिपत्य कर लिया था।
ब्रह्मा जी की शरण में:-
तारकासुर ने सब देवों को भगाकर उनके स्थान पर दैत्यों को संचालन के कार्य मैं लगा दिया था ।इससे स्वर्ग के राजा देवराज इन्द्र बहुत ही परेशान होकर सारे देवताओं के साथ मिलकर मेरे पास आए एवं हाथ जोड़ कर बोले हे प्रभु आप ही हमारे रक्षक हैं हमारे मार्गदर्शक हैं।
कोई ऐसा उपाय बताइए जिससे कि हमें इस दैत्य के अत्याचार से छुटकारा मिले ,जैसे सन्निपात रोग में औषधियां निष्फल हो जाया करती हैं, इस प्रकार हमारे सारे अस्त्र और शस्त्र निष्फल हो गए हैं ।
उसके अत्याचारों से हम लोग इधर-उधर मारे- मारे फिर रहे हैं। हे प्रभु , स्वयं भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र भी उसके कंठ पर जाकर कुंठित हो गया, ऐसा लगा कि मानो सुदर्शन चक्र तारकासुर को माल्यार्पण कर रहा है।
तारकासुर को मिला वरदान:-
त्रिदेवों द्वारा अवध्य :-
देवराज इंद्र के द्वारा कामदेव का स्मरण:-
कामदेव के द्वारा देवराज इंद्र को सांत्वना देना:-
डिस्क्लेमर:-
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