शिव पूजा: कथाएँ, मंत्र, लाभ और नियम
शिव पूजा, कथाएँ और मंत्र 🌺 शिव पूजा, कथाएँ और मंत्र 🌺 🙏 भगवान शिव की महिमा भगवान शिव निर्विकार, आनंदमय, अनादि-अनंत और अद्भुत हैं। उनका स्वरूप अक्षत, अविनाशी, अजन्मा, निर्मल और अतुल्य है। उनके दर्शन, अध्ययन और भक्ति से साधक उनके स्वरूप का ज्ञान प्राप्त करता है और कृतार्थ होता है। 'नान्य: पन्था विद्यतेऽयनाय।' (यजुर्वेद अ○31) 🕉️ नंदी वैश्य की कथा बहुत प्राचीन समय की बात है, नंदी नामक व्यापारी अपने नगर के सबसे धनी और प्रतिष्ठित पुरुष थे। वे सत्य बोलने वाले, निष्ठावान और कर्तव्यनिष्ठा में प्रखर थे। उनका मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की आराधना करना था। नंदी रोज़ जंगल में जाकर पंचाक्षर मंत्र "ऊँ नमः शिवाय" का जप करते, गंगा जल, गाय का दूध, अक्षत, विल्वपत्र, दधि, शहद, नीलकमल इत्यादि से शिवलिंग का अभिषेक करते। सावन में वह रत्न, मोती, माणिक्य से श्रृंगार भी करते। 🏹 किरात की कथा जंगल में रहने वाला किरात शिकार करता था और निर्दोष प्राणियों की हिंसा करता था। उसे पूजा की विधि नहीं आती थी। एक दिन उसने अपने हाथ का मांस और मस्क का पानी शिवलिंग पर चढ़ा दिया। उसक...